सुख पाने के लिए हम इच्छाओं की कतार लगाएं या आशाओं के अम्बार, परंतु सुख का ताला केवल और केवल संतुष्टि की चाबी से ही खुलता है। कभी हँसकर बोल दो कभी हँसकर टाल दो,
परेशानियाँ तो बहुत हैं कुछ वक़्त पर डाल दो!

Rajendra Suri

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दु:ख और परिश्रम" मानव जीवन के लिये अत्यंत आवश्यक हैं, "क्योंकि" दु:ख के बिना ह्रदय निर्मल नहीं होता, "और" परिश्रम के बिना मनुष्य का विकास नहीं होता !! कलम तभी साफ और अच्छा लिख पाती है जब.. वो थोड़ा झुक कर चलती है, वही हाल "जिंदगी" में इंसान का है..!!

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    “सलाह” के सौ शब्दो से ज्यादा “अनुभव” की एक “ठोकर”, इंसान को “मजबूत” बनाती है..
    कुछ बातें “समझाने” पर नहीं, बल्की “खुद” पर “बीत” जाने पर ही “समझ” में आती हैं !
    02733273876